विदेशी भाषा में कोर्सेज और वांछित योग्यता

विदेशी भाषा में कोर्सेज और वांछित योग्यता

 किसी भाषा में दक्षता होना अच्छी नौकरी प्राप्त करने में हमेशा सहायक होता है। पर किसी विदेशी भाषा का ज्ञान कॅरियर की दौड़ में आपको भीड़ से बहुत आगे निकाल देता है।

 वैश्वीकरण के इस दौर में, जब हर क्षेत्र में अलग-अलग देशों के लोगों के बीच संबंध बन रहे हैं, एक से अधिक भाषाएं जानने वालों की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। खासकर भारत में, जो की पूरी दुनिया की कंपनियों को अपनी सेवाएं दे रहा है। अंग्रेजी के साथ ही कोई अन्य भाषा भी जानने वाले के लिए अनगिनत अवसर हैं। आज न केवल रोज नई बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत आ रही हैं बल्कि भारतीय कंपनियां भी विदेशों में अपनी व्यावसायिक शाखाएं खोल रही हैं। ऐसे में फ्रेंच, जर्मन, इटालियन, जापानीज, चायनीज, और कोरियन जैसी भाषाओं का ज्ञान पर्यटन, मनोरंजन, जनसंपर्क और जनसंचार, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं, दूतावास, प्रकाशन, अनुवाद जैसे क्षेत्रों में आपके कॅरियर को एक नया आयाम दे सकता है।
विदेशी भाषा में कोर्सेज और वांछित योग्यता
विदेशी भाषा में मुख्यत: तीन प्रकार के कोर्स उपलब्ध हैं - सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्सेज। सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा पार्ट टाइम कोर्स हैं और कई विश्विद्यालयों (जैसे - जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, बीएचयू, विश्वभारती आदि), विभिन्न देशों के सांस्कृतिक और शैक्षिक केन्द्रों (जैसे- मैक्समूलर भवन,) और प्राइवेट संस्थानों द्वारा करवाए जाते हैं। ये एक-एक साल के कोर्स हैं जिनमें प्रयोगमूलक भाषा के शिक्षण पर जोर दिया जाता है। सर्टिफिकेट कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं होती है जबकि डिप्लोमा के लिए उस भाषा में सर्टिफिकेट  जरूरी होता है। बीए, एम ए, एम फिल और पी एच डी जैसे कोर्स विश्वविद्यालयों द्वारा करवाए जाते हैं जिनमें एडमिशन सामान्यत: प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। इन कोर्सेज में सिर्फ भाषा नहीं बल्कि सम्बंधित देश के इतिहास, भूगोल, समाज और साहित्य की भी जानकारी दी जाती है। भारत में जो विश्वविद्यालय विदेशी भाषा कोर्सेज  कराते हैं उनमें मुख्य हैं - जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय , बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, विश्वभारती विश्वविद्यालय , पुणे विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, बांम्बे विश्वविद्यालय आदि। 
जॉब प्रास्पेक्ट्स और कॅरियर ऑप्शन्स 
विदेशी भाषा सीखने के बाद आप ट्रांसलेटर या इन्टरप्रेटर के रूप में फ्रीलांस तो काम कर ही सकते हैं साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सरकारी विभागों, दूतावासों आदि में स्थाई नौकरी भी प्राप्त कर सकते हैं। यूएनओ, वर्ल्ड बैंक, यूनिसेफ जैसे संगठनों में भी भाषा के विशेषज्ञों  के लिए काफी अवसर हैं। इंडिया में एचपी, ओरेकल, जीई, एल जी, सैमसंग, ह्युन्दाई आदि कम्पनियां हर साल भारी तादाद में भाषा विशेषज्ञों को नियुक्त करती है। इसके अलावा पर्यटन और होटल इंडस्ट्री में भी अनगिनत अवसर हैं। आप इन्टरनेशनल मीडिया हाउसेस (प्रिंट, रेडियो या टीवी) में भी काम कर सकते हैं या फिर फिल्मों के लिए सबटाइटल लिख सकते हैं। इसके अलावा भारत में अभी भाषा के अध्यापकों की भारी कमी है चाहे वो प्राइवेट संस्थान हों या सरकारी कॉलेज और यूनिवर्सिटीज। आने वाले समय में अधिकांश विश्वविद्यालन भाषा कोर्स शुरू करने वाले हैं जिसके लिए बडी संख्या में शिक्षकों की आवश्यकता होगी। जहां तक वेतनमान का प्रश्न है तो एक ट्रांसलेटर के रूप में आप 3 रूपया- 6 रूपया प्रति शब्द, इन्टरप्रेटर के रूप में 2500 रूपया -10000 रूपया प्रतिदिन और परमानेंट प्रोफेशनल के रूप में 20000 - 60000  तक की कमाई से शुरू कर सकते हैं। बाकी आपकी काबलियत , कम्प्युटर ज्ञान आदि पर भी निर्भर करता है


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गुर्जर आंदोलन: चार बिन्दुओं पर नहीं बनी सहमति

03/01/2011 19:58
 जयपुर/पीलूपुरा। गुर्जर आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों व राज्य सरकार के बीच आज एक बार फिर वार्ता का दौर चला। सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच दोपहर बाद शुरू हुई बैठक बेनतीजा खत्म हो गई है। एक ओर सरकार इसे सकारात्मक बता रही है वहीं दूसरी ओर गुर्जर प्रतिनिधियों ने वार्ता को पूरी तरह से विफल करार दिया। सूत्रों की मानें तो दोनों पक्षों के बीच अभी भी चार बिन्दुओं पर असहमति कायम है। प्रतिनिधिमंडल पांच फीसदी आरक्षण की मांग पर अडिग है लेकिन सरकार का कहना है कि सर्वे के बाद ही इस मुद्दे पर...

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